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Rajasthani poem and sms


Rajasthani poem and sms
Rajasthani poem and sms म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
चौक तिबारा घर की बारयां, बड़ पीपळ की छांव की
सीपाळा की ठंड कड़कती, और सुहाती तावड़ी
कढी मंगोड़ी केर सांगरी, ताती ताती राबड़ी
टाबरपण का साइना सूं, मिल गळबाथा उमाव की
म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
खेतां का गेंला पर जाती, पणिहारंया वे मटके छी
पनघट जाती की रमझोळां, म्हारे हिवडे अटके छी
नेणा कटारयां सूं देवे छी, मीठी पीडा घाव की
म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
तुळसीजी को बड़ो ठांवळो, घर को टाबर लागे छो
चिडि चुडकलया की बोलया सुण मैं रोजीना जागे छो
टोगडिया खातर डकरावण, सुणता धोळी गाय की
म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
आज बटाउ आवळो संदेशो देछो कागलो
कांव कांव सूं गूंज्‍या करतो, म्‍हांका घर को डा़गलो
भरया तासला कांसी का सूं, मणवारां छी चाय की
म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
हेथ हरख का गीत भायला, बिना साज ही गावेछा
गेंद दडी अर गुल्‍ली डंडा, सब में हेत बंधावे छा
पंच चौधरी निपटा दे छा, सगळीबात तळाव की
म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
खेले छा दंगल मेळा में, कब्‍बडडी पाळा रेत में
बरखा होतां ही महकै छी, मांटी म्‍हांका खेत में
मोरण सिटटा और मतीरा, खाता पाळ तळाव की
म्हाने आवे याद घणेरी, आज आपणा गांव की
 
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