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Funny Hindi poems



एक आदमी जब पैदा होता है तो उस समय जब
उसकी जीवन उर्जा बड़ी संवेदनशील होती है
तो उसे एक स्त्री ही संभालती है…



….
वो है उसकी माँ.
.…

फिर जब थोडा सा बड़ा होता है (बैठने लायक)
तो वहां भी एक लड़की ही मिलती है
जो उसकी देखरेख करती है उसके साथ खेलती है
….
उसका मन बहलाती है……. जब तक
की वो इतना बड़ा नहीं हो जाता की बाहर
के संसार में अपने दोस्त बना सके…

..
….
वो है उसकी बहिन……
……
फिर जब वो स्कूल जाता है तो वहां फिर एक
महिला है जो उसकी सहायता
करती है….. चीज़ों को समझने में………… उसे
सहारा देती है, उसकी कमजोरियों को दूर करने
में….. और उसको एक अच्छा इंसान बनाने
में…

……
वो है उसकी अध्यापिका…
…….…
फिर जब वो बड़ा होता है……….. और जब जीवन
से उसका संघर्ष शुरू
होता है…. जब भी वो संघर्ष में वो कमजोर
हो जाता है…..
तो एक लड़की ही उसको साहस देती है


वो है उसकी प्रेमिका
(सामान्यत:)

……. .
जब आदमी को जरूरत होती है………. साथ
की अपनी अभिव्यक्ति प्रकट
करने के लिए …… अपना दुःख और सुख बाटने
के लिए फिर एक लड़की वहां
होती है…

…..
वो है उसकी पत्नी……
…..
फिर जब जीवन के संघर्ष और रोज
की मुश्किलों का
सामना करते करते आदमी कठोर होने लगता है
……..
तब उसे निर्मल बनाने वाली भी एक
लड़की ही होती है…

…..
और वो है उसकी बेटी.……
……
और जब आदमी की जीवन यात्रा ख़त्म
होगी तब
फिर एक स्त्रीलिंग ही होगी जिससे
उसका अंतिम
मिलन होगा ….. जिसमे वो समां कर
पूरा हो जायेगा…
....
...
… और वो होगी मात्रभूमि…
…..…
.
.
.
.
याद रखें अगर आप मर्द हैं तो सम्मान दें हर
महिला को…
……

……
जो हर पल आपके साथ किसी न किसी रूप में है…







जरुर पढ़े --

मॉडर्न ........21वी सदी के इस दौर में आज हर युवा मॉडर्न है या फिर बनना चाहता है .......आये दिन अपने बालो का हेयर स्टाइल बदलना , ऐसे कपडे पहनना जिसमे पूर्णत अश्लीलता के सिवा कुछ दिखता ही नहीं सिवाय उनके undergarmnets को छोड़कर, अपने ग्रुप में 2-4 नॉन वेज जोक्स बोलना और, dude ,cool ,buddy जैसे शब्दों का प्रयोग करना ,........इसके आलावा बॉय फ्रेंड -गर्ल फ्रेंड बनाने का तो ट्रेंड्स सा चल गया है ........इसी प्रकार की कुछ एक्टिविटी है जिन्हें अपनाकर वे अपने आप को मॉडर्न समझते है .........लेकिन वे ये नहीं जानते कि मॉडर्न को होना अथार्त अपने समाज की रूढी वादी सोच को बदलना है अथार्त जातिवाद, धार्मिक आडम्बर, दहेज़ -प्रथा, बाल-विवाह, भ्रूंड-हत्या जैसी कुप्रथा सोच को बदलना है न की दिल्ली के पार्क में बैठकर अश्लील हरकते करना और ये कहना की हम मॉडर्न है और आज के दौर में यही सब चलता है........ लड़की या लड़के फ्रैंक है तो अच्छा है और यदि लड़की या लड़का उच्च विचारो का है या समझदारी की बात करता है तो उनके अनुसार वह बोरिंग है या उनकी भाषा में कहे तो lol है पर वही जब अपनी बहन की शादी की बात आती है तब उन्हें यही बोरिंग-समझदार लड़का ही चाहिए न की अपने जैसा मॉडर्न ......पता नही तब इनकी ये मॉडर्नगिरी कहाँ चली जाती है,तब तो इन्हें लड़की भी साडी में चाहिए, रूपवती ,चरित्रवान, गुणवान चाहिए, इससे पहले किसी के साथ किसी के संपर्क में न रही हो, सीधी हो,और न जाने क्या क्या डिमांड करते है ..........लड़का अच्छी जॉब पर हो, किसी प्रकार की कोई गन्दी आदत न हो, समझदार हो,ऐसा ही कुछ लडकिया भी डिमांड करती है ........ ऐसी मॉडर्न सोच रखने वाले लड़के-लडकिया भविष्य में किसी कॉफ़ी शॉप या किसी रिसेप्शन पर जॉब करते नज़र आते है ........पता नही ये मॉडर्न सोच है या फिर कोई बनावटीपन






वेलेंटाइन डे ***
एक तरफ तो युवा '14 फरवरी' को हाथ में 2-4 रूपये का फूल 50 रूपये में खरीदकर लड़की को देने को सही ठहराता है और इसे आजा़दी कहता है और दूसरी तरफ जब उसी आज़ादी की बात उसकी सगी बहन करे तो लड़की और उसके साथी को पीटने पर उतारू हो जाता है, क्यों??
जो काम तुम किसी की बहन के साथ करना चाहते हो, वोअगर तुम्हारी बहन करे तो आज़ादी को कैसा खतरा??
क्या सब अधिकार लड़को के हैं या सच जानते हुए भी अनजान बनने की नाटक करते हो ? क्या यही है हमारी पढ़ाई और हमारा मॉडर्न और Cool Dude होना ?
अगर दूसरों की बहनें हमारे लिए खेलने की चीज, टाइम पास, आइटम हैं तो अपनी क्या हैं ?
... सोचो.........सो ­चो..........सोचo..........सोचो ­..........सोचो. ­........सोचो... ...!!!
मैं बस इतना ही कहूँगा अपनी संस्कृति में रहते हुए दूसरे की संस्कृति का सम्मान करो....!!
जय हिन्द, जय जय माँ भारती !!
 
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